चारधाम यात्रा में इस बार दर्शन के लिए टोकन सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। इस व्यवस्था से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को घंटों लाइन में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। धाम में पहुंचने पर तीर्थयात्रियों को टोकन दिया जाएगा। जिसमें दर्शन करने का समय निर्धारित होगा।
उत्तराखंड में 30 अप्रैल से शुरू होने वाली विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसे में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के गेस्ट हाउस व होटलों में ठहरने वाले तीर्थयात्री आसपास के पर्यटन स्थल भी देख सकेंगे। इसके लिए जीएमवीएन की ओर से विशेष तैयारियां की गई है। यात्रा के दौरान व गर्मी सीजन में उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भीड़ होने से अकसर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने पिछले साल धामों में भीड़ प्रबंधन व दर्शन को सुगम बनाने के लिए टोकन सिस्टम को लागू किया था। लेकिन यह व्यवस्था सिरे नहीं चढ़ पाई। कपाट खुलने के दिन ही केदारनाथ धाम में भीड़ बढ़ने से दर्शन के लिए दो से तीन किमी. तक लंबी लाइन लगी। इस बार धामों में भीड़ प्रबंधन के लिए टोकन सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम में दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं।
धामों में व्यवस्थित ढंग से टोकन सिस्टम लागू होता है तो तीर्थयात्रियों को दर्शन करने के लिए लंबी लाइन में खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। तीर्थयात्रियों को यात्रा पंजीकरण के आधार पर धामों में पहुंचने के बाद टोकन मिलेगा। जिसमें दर्शन के लिए समय निर्धारित होगा। जिससे तीर्थयात्री टोकन में दिए गए समय पर ही दर्शन कर सकते हैं। लाइन में खड़ा होने के बजाय तीर्थयात्रियों को धामों में आस पास के क्षेत्र के लिए समय मिल सकेगा।
चारधाम मार्ग पर यात्रा सुगम तरीके से हो सके, इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग भी कोशिश में जुटा है। राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील जगहों पर 22 जेसीबी को तैनात करेगा। इसके अलावा जहां पर सड़क खराब है, वहां पर सतह सुधारीकरण का काम चल रहा है। चारधाम यात्रा मार्ग का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग के अधीन है। ऐसे में यात्रा को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत पहले चरण में संवेदनशील जगहों पर 22 जेसीबी को तैनात किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य अभियंता दयानंद कहते हैं कि मानसून में संख्या को बढ़ाया जाता है, इसकी संख्या 50 से अधिक हो जाती है।
चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। जब तीर्थयात्री यात्रा दिखाने पर टोकन मिलेगा। जिसमें दर्शन करने का समय दिया जाएगा।
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