राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादूनः चारधाम यात्रा में इस वर्ष हरित चारधाम थीम पर कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत चारधाम यात्रा मार्ग के होटल व ढाबों में तीर्थयात्रियों को न सिर्फ स्वच्छ और शुद्ध भोजन मिलेगा, बल्कि भोजन में तेल, नमक व चीनी की मात्रा का भी कम उपयोग करने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए तीर्थयात्रियों को ■ प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए ■ खाद्य संरक्षा विभाग ने होटल – कारोबारियों से व्यापक स्तर पर संवाद और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
इस बार हम हरित चारधाम यात्रा का संकल्प लेकर तैयारी कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि न सिर्फ तीर्थ यात्रियों को शुद्ध भोजन व स्वच्छ वातावरण मिले, बल्कि यात्रा के दौरान पवित्र स्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या भी पैदा न हो। इसके लिए सिंगल यूज प्लास्टिक का रिड्यूस, रियूज और रिसाइकिल सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। इससे हमें तीर्थ यात्रियों व खाद्य कारोबारियों से लेकर स्थानीय लोगों तक सभी का सहयोग चाहिए।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
• भोजन में तेल, नमक व चीनी कम रखने का प्रयास करेंगे होटल कारोबारी
• खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग ने व्यापक स्तर पर संवाद किया शुरू
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष सभी विभागों को हरित चारधाम यात्रा की तर्ज पर यात्रा संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में खाद्य संरक्षा विभाग यात्रा मार्ग के प्रमुख होटल और खाद्य कारोबारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर रहा है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डा आर राजेश कुमार ने बताया कि इन कार्यशालाओं में होटल और खाद्य कारोबारियों से अपने भोजन में तेल नमक और चीनी का उपयोग कम करने की अपील की जा रही है। इससे मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित यात्रियों को सुविधा रहेगी। साथ ही ईट राइट अभियान के क्रम में होटल को खाद्य तेल को तीन बार से अधिक इस्तेमाल करने के स्थान पर बायोफ्यूल बनाने के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जा रहा है।
साथ ही उनसे पानी की बोतल व रैपर जैसे सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को भी हतोत्साहित करते हुए पर्यावरण संरक्षण में सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उपायुक्त गणेश कंडवाल ने बताया कि विभागीय निर्देश के क्रम में अब तक ऋषिकेश, श्रीनगर व रुद्रप्रयाग के होटल कारोबारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न किया जा चुका है। यात्रा शुरू होने से पहले उत्तरकाशी, चंबा और हरिद्वार सहित अन्य स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय खाद्य उत्पादों को उपलब्ध कराने को कहा जा रहा है।
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